Lawyer for gaming app scam cases | Advocate Deepak

 आज के डिजिटल युग में ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स के नाम पर चल रही धोखाधड़ी बहुत तेजी से बढ़ रही है। कई लोग नकली या फर्जी गेमिंग ऐप्स के झांसे में आकर पैसे इन्वेस्ट कर देते हैं और जब पैसा निकालने की कोशिश करते हैं, तो उनका बैंक खाता फ्रीज़ या होल्ड हो जाता है। अगर आप भी ऐसे किसी मामले में फंसे हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद ज़रूरी है।



बैंक खाता क्यों फ्रीज़ होता है?

फर्जी गेमिंग ऐप्स आमतौर पर गैरकानूनी सट्टेबाजी (betting), मनी लॉन्ड्रिंग, या धोखाधड़ी से जुड़े होते हैं। जब कोई व्यक्ति इस प्रकार के ऐप में पैसा जमा करता है और फिर उस पैसे को अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करता है, तो साइबर क्राइम सेल ऐसे खातों को ट्रेस करके उन्हें फ्रीज़ या होल्ड कर देती है। बैंक खाता आमतौर पर FIR या शिकायत के आधार पर IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), IT एक्ट की धारा 66D (फर्जीवाड़ा) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत रोका जा सकता है।

https://youtu.be/Ah2BP_D3Twg?si=ODanK1RwBkFniAmw


क्या गेमिंग ऐप में खेलना अपराध है?

अगर ऐप लाइसेंस प्राप्त और कानूनी है, तो खेलना अपराध नहीं है। लेकिन अधिकतर फर्जी ऐप्स सट्टेबाजी और अवैध लेन-देन में शामिल होते हैं, जिससे जुड़े सभी लेन-देन जांच के दायरे में आ जाते हैं। यदि आपने भी ऐसा कोई पैसा अपने खाते में लिया है, तो आप पर जांच बैठ सकती है।


 ट्रेंडिंग साइबर क्राइम कौन-कौन से हैं?

  1. फर्जी गेमिंग ऐप और इन्वेस्टमेंट ऐप

  2. USDT या क्रिप्टो करंसी ट्रांजेक्शन फ्रॉड

  3. फेक लोन या गारंटी ऐप्स

  4. सोशल मीडिया लिंक के जरिए फिशिंग अटैक

  5. यूपीआई फ्रॉड (Paytm, PhonePe, GPay)

  6. WhatsApp/Telegram पर शेयर ट्रिप फ्रॉड ग्रुप


 साइबर अपराध की प्रमुख धाराएं:

  • IPC Section 420 – धोखाधड़ी

  • IT Act 66C – पहचान की चोरी

  • IT Act 66D – धोखाधड़ी से जानकारी प्राप्त करना

  • IPC 406/409 – विश्वासघात से संबंधित अपराध

  • Money Laundering Act (PMLA) – मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में


 खाता अनफ्रीज़ कैसे करें?

  1. FIR या नोटिस की कॉपी लें – सबसे पहले जांच कराएं कि किस आधार पर खाता फ्रीज़ किया गया है।

  2. प्रूफ जुटाएं – आपने जो पैसा लिया है, उसका स्रोत, स्क्रीनशॉट, स्टेटमेंट आदि इकट्ठा करें।

  3. साइबर क्राइम लॉयर से संपर्क करें – कानूनी सलाह लें और NOC या जवाब दाखिल करवाएं।

  4. NOC की रिक्वेस्ट करें – संबंधित साइबर सेल या IO से NOC (No Objection Certificate) मांगें।

  5. हाईकोर्ट या संबंधित कोर्ट में याचिका – यदि ज़रूरत पड़े तो कोर्ट में रिट याचिका दायर की जा सकती है।


 कैसे बचें इस तरह के फ्रॉड से?

  • किसी भी गेमिंग या इन्वेस्टमेंट ऐप को बिना वेरिफिकेशन के इस्तेमाल न करें।

  • अज्ञात स्रोत से आए लिंक पर क्लिक न करें।

  • बैंक डिटेल या UPI ID किसी के साथ शेयर न करें।

  • क्रिप्टो ट्रांजेक्शन हमेशा KYC वेरिफाइड प्लेटफॉर्म से करें।

  • SMS, WhatsApp, या Telegram से आए किसी भी स्कीम पर भरोसा न करें।


Disclaimer 

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। यह किसी प्रकार की कानूनी सलाह नहीं है। किसी भी साइबर अपराध या बैंकिंग समस्या में उचित समाधान के लिए किसी योग्य और लाइसेंस प्राप्त वकील से संपर्क करें। हम किसी प्रकार की अवैध गतिविधियों को बढ़ावा नहीं देते हैं।

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